गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है, गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है,
कभी सोचा न था... कभी सोचा न था...
४- पहले वो मुस्करा के हमसे बात करते हैं आंखों आंखों में नज़रे हमसे चार करते हैं। ४- पहले वो मुस्करा के हमसे बात करते हैं आंखों आंखों में नज़रे हमसे चार करत...
प्यार का क्या है! प्यार का क्या है!
और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो। और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो।
बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखावी रिश्ते। बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखा...